भारत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा और देखभाल के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ और कार्यक्रम स्थापित किए हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित करना, और शिशुओं के समुचित विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करना है। निचे कुछ प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का विवरण दिए गए हैं –
1. राष्ट्रीय पोषण मिशन –
- लॉन्च– 2018
- उद्देश्य– कुपोषण को समाप्त करना और गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, और बच्चों में पोषण स्तर को सुधारना।
- लाभ– इस अभियान के तहत पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाई जाती है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पोषण सेवाओं का विस्तार किया जाता है।
2. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना –
- लॉन्च– 2017
- उद्देश्य– इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में ₹5,000 की सहायता राशि प्रदान करती है।
- लाभ– यह राशि गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण प्राप्त करने में सहायता करती है, जिससे माँ और शिशु दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
3. जननी सुरक्षा योजना –
- लॉन्च– 2005
- उद्देश्य– इस योजना का मुख्य उद्देश्य संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करना है, ताकि प्रसव के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
- लाभ– इस योजना के तहत गरीब गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
4. नैशनल हेल्थ मिशन –
- लॉन्च– 2013
- उद्देश्य– सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देना और गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल करना।
- लाभ– इस मिशन के तहत मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण किया जाता है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच, प्रसव के दौरान सेवाएँ, और नवजात शिशुओं की देखभाल शामिल है।
5. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम –
- लॉन्च– 2011
- उद्देश्य– गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना। इसमें गर्भावस्था की देखभाल, प्रसव, और नवजात शिशुओं की देखभाल शामिल है।
- लाभ– इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अस्पताल में इलाज, दवाइयाँ, जांच, और परिवहन जैसी सुविधाएँ मुफ्त में प्रदान की जाती हैं।
6. आंगनवाड़ी सेवाएँ –
- लॉन्च– 1975
- उद्देश्य– इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, और 6 वर्ष तक के बच्चों को समग्र पोषण और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है।
- लाभ– आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, और शिक्षा सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
7. मिशन इन्द्रधनुष –
- लॉन्च– 2014
- उद्देश्य– इस कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और 2 साल तक के बच्चों को टीकाकरण सेवाएँ प्रदान करना है।
- लाभ– इसमें बच्चों को 7 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीके दिए जाते हैं, और गर्भवती महिलाओं को टेटनस का टीका लगाया जाता है।
8. मातृत्व अवकाश –
- लॉन्च– 1961 (संशोधन 2017)
- उद्देश्य– गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें उचित देखभाल का समय देना।
- लाभ– संशोधित मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत कार्यरत गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह का भुगतानित मातृत्व अवकाश मिलता है।
9. सुरक्षित मातृत्व अभियान –
- लॉन्च– 2016
- उद्देश्य– गर्भवती महिलाओं को हर महीने की 9 तारीख को मुफ्त स्वास्थ्य जांच प्रदान करना।
- लाभ– इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, उचित परामर्श, और पोषण की जानकारी दी जाती है।
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शिशु सुरक्षा योजना कब शुरू हुई?
भारत सरकार ने 1 जून, 2011 को शिशु सुरक्षा कार्यक्रम लॉन्च की है। इस योजना का अनुमान है कि 12 मिलियन से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभ हुआ ।
जननी सुरक्षा योजना की स्थापना कब हुई?
2005 में जननी सुरक्षा योजना शासन द्वारा लागु कर संस्थागत प्रसव को विस्तारित किया गया। ताकी मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकें, योजनान्तर्गत पात्र हितग्राही को प्रसव पश्चात् शहरी क्षैत्र में रूपये 1000/- एवं ग्रामीण क्षैत्र में रूपये 1400/- धन राशि दी जाती है।
भारत सरकार ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं को कब अपनाया?
भारत सरकार ने 2013 में प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य रूपरेखा को अपनाया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के मृत्यु दर कम करना।
कौन सी योजना गर्भवती माताओं के लिए सुरक्षित और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करती है?
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित 9वीं तीथि को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कई योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस योजनाओं के तहत महिलाओं और बच्चों को आवश्यक पोषण, स्वास्थ्य सेवाएँ, और देखभाल प्रदान करना है। ताकि उन्हें एक स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद मिल सके। इन योजनाओं का सही और व्यापक कार्यान्वयन समाज के सभी वर्गों तक पहुँचना आवश्यक है। ताकि शिशु और मां की मृत्यु दर कम किया जा सके और देश के भविष्य को स्वस्थ और मजबूत बनाया जा सके।