आम तौर पर प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर लोगों को इस बारे में सही जानकारी नहीं होती है। इस लिए कहते हैं, कि प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पति को पत्नी से दूर रहने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है। अगर पत्नी किसी समस्या से ग्रसित हो, तो पति को पत्नी के साथ रहना चाहिए क्योंकि इससे उनका साथीत्व संबंध मजबूत होता है। हालांकि डॉक्टर इस समय यौन संबंध से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान पति से यौन संबंध दूर रहने के कारण और सावधानियाँ –
प्रेगनेंसी के दौरान, पति से दूर रहने का मतलब यौन संबंध या शारीरिक संपर्क से बचने के संदर्भ में हो सकता है। आमतौर पर, गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध सुरक्षित होते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर यौन संबंध से परहेज करने की सलाह दे सकते हैं। निम्नलिखित परिस्थितियों में पति से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है –
1.गर्भपात का जोखिम –
अगर महिला को पहले गर्भपात हो चुका है या वर्तमान गर्भावस्था में गर्भपात का खतरा है, तो डॉक्टर यौन संबंध से परहेज करने की सलाह दे सकते हैं। यौन संबंध के दौरान गर्भाशय में होने वाली हल्की संकुचन गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, खासकर पहली तिमाही में। इस स्थिति में, डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।
2.योनि से रक्तस्राव –
अगर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय योनि से रक्तस्राव हो रहा है। तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। योनि से रक्तस्राव के कई कारण हो सकते हैं। इस समय यौन संबंध से बचना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे रक्तस्राव बढ़ सकता है और मां व बच्चे दोनों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
3.संक्रमण का खतरा –
अगर गर्भवती महिला को किसी प्रकार का संक्रमण है, तो यौन संबंध से बचना चाहिए। इस समय यौन संबंध से शिशु को संक्रमण का खतरा हो सकता है, और यह मां के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे मामलों में, डॉक्टर द्वारा सलाह दी गई दवाइयों और उपचार के बाद ही यौन संबंध की अनुमति दी जाती है।
4. अम्नियोटिक फ्लूइड का रिसाव –
अगर गर्भाशय में मौजूद अम्नियोटिक फ्लूइड का रिसाव हो रहा है, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है। अम्नियोटिक फ्लूइड शिशु को गर्भाशय में सुरक्षित रखता है, और इसका रिसाव संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है। इस समय यौन संबंध से पूरी तरह से बचना आवश्यक होता है, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है।
5. प्लेसेंटा प्रिविया –
प्लेसेंटा प्रिविया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित होता है और गर्भाशय की गर्दन को पूरी तरह से ढक लेता है। इस समय यौन संबंध से बचना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इससे गंभीर रक्तस्राव का खतरा हो सकता है। प्लेसेंटा प्रिविया की स्थिति में, डॉक्टर यौन संबंध, कठिन परिश्रम और भारी व्यायाम से परहेज करने की सलाह देते हैं, ताकि गर्भावस्था सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सके।
6. शारीरिक और मानसिक थकावट –
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर थकान, नींद की कमी, और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इस समय में, महिला को शारीरिक और मानसिक आराम की आवश्यकता होती है। अगर महिला को अत्यधिक थकान या तनाव महसूस हो रहा है, तो यौन संबंध से बचना बेहतर हो सकता है, ताकि वह पर्याप्त आराम कर सके और तनाव से मुक्त हो सके।
7. प्रीटर्म लेबर –
अगर महिला को समय से पहले प्रसव का खतरा है, तो यौन संबंध से बचना जरूरी हो सकता है। समय से पहले प्रसव की स्थिति में गर्भाशय में होने वाली संकुचन की संभावना बढ़ जाती है, जो प्रसव को प्रेरित कर सकती है। यौन संबंध के दौरान गर्भाशय में ऑर्गेज्म के बाद संकुचन हो सकते हैं, जो इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इस स्थिति में, गर्भवती महिला को यौन संबंध से पूरी तरह से बचने की सलाह दी जाती है।
8. भावनात्मक स्थिति –
गर्भावस्था के दौरान महिला की भावनात्मक स्थिति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर महिला किसी भावनात्मक कारण से यौन संबंध के लिए तैयार नहीं है या उसे कोई असुविधा महसूस हो रही है, तो पति को उसकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और किसी भी प्रकार के दबाव से बचना चाहिए। यह समय भावनात्मक समर्थन का होता है, और पति-पत्नी के बीच संवाद और समझ बढ़ाने का होता है।
9. डॉक्टर की सलाह –
गर्भावस्था के दौरान हर महिला की शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। अगर डॉक्टर किसी विशेष कारण से यौन संबंध से परहेज करने की सलाह देते हैं, तो उस सलाह का पालन करना आवश्यक होता है। यह सलाह महिला और शिशु दोनों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दी जाती है।
प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है
प्रेगनेंसी के लक्षण 10-15 दिन में दिखाई देते हैं।
गर्भ ठहरने के शुरुआती लक्षण क्या है?
प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षणों में मासिक धर्म का न आना, बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, स्तनों में दर्द, थकान महसूस होना और जैसे लक्षण शामिल हैं।
प्रेगनेंसी का पहला संकेत क्या है?
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हार्मोनल परिवर्तन के कारण पेट दर्द , सिर दर्द , हल्का स्पॉटिंग आदि हो सकता है
प्रेगनेंसी के पहले 10 दिनों में क्या होता है?
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हॉरमोनल बदलावों के कारण आपको पेट फूलना , सिर दर्द , कमजोरी महसूस हो सकता है, ठीक वैसे ही जैसे मासिक धर्म की शुरुआत में आपको महसूस हो सकता है।
गर्भधारण करने के बाद कितने दिन बाद उल्टी होती है?
गर्भावस्था के लगभग 5 सप्ताह से शुरू होती है और लगभग 10 सप्ताह में सबसे खराब स्थिति होती है। यह आमतौर पर करीब 16 से 18 सप्ताह तक चली जाती है।
प्रेगनेंसी में कहाँ कहाँ दर्द होता है?
गर्भावस्था की शुरुआत में, कई महिलाओं को पेट के सबसे निचले हिस्से (पेल्विस) में, सिर दर्द , आंत दर्द , पेट दर्द आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसे भी पढ़ें –
निष्कर्ष –
गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध सुरक्षित हो सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में पति से शारीरिक दूरी बनाए रखना आवश्यक हो सकता है। यह दूरी गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए होती है। किसी भी संदेह की स्थिति में, डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। पति-पत्नी के बीच आपसी समझ, सहयोग और संवाद इस समय में बेहद महत्वपूर्ण होता है।